मुझ से ज़्यादा किस्मत वाले
मेरे मुंह के छाले
बुलबुलों की तरह हर तरफ निकल रहे हैं
बिना इजाज़त मुँह में पल रहे हैं
कुछ मीठा-तीखा सा दर्द दे रहे हैं
बुलबुलों की तरह हर तरफ निकल रहे हैं
बिना इजाज़त मुँह में पल रहे हैं
कुछ मीठा-तीखा सा दर्द दे रहे हैं
आजकल, मुझ से पहले
हर चीज़ का स्वाद ले रहे हैं
मिर्च से इनकी पुरानी दुश्मनी है
नमक से भी इनकी कहाँ बनी है
ज़बान, जो दातों से
बेवजह लड़ जाती है
इनको आजकल दिन-रात सहलाती हैदर्द है, तो इनका काफ़ी ज़िक्र है
सबको इनकी ही फ़िक्र है
कोई समझाता है,
बारिश से इनका पुराना रिश्ता है
पर पेट के मामलों में
मुँह क्यों खिंचता है???
किसी का सुझाव है कत्था लगाओ
कोई कहता है ताज़ा दही पी जाओ
तीन-चार दिन के मेहमान हैं
जल्दी चले जायेंगे
निश्चिन्त रहो इस मौसम में
कई मर्तबा आयेंगे-जायेंगे
इस मौसम में मुझ पर
ये घोर अत्याचार है
पकोड़े-भजिये खाना दुश्वार,
चखना दूभर चटनी-अचार है
नथुनों को छेड़ती खुशबुओं का
मज़ा ले नहीं सकता
मुँह पूरा खुलता नहीं,
गालियाँ दे नहीं सकता
मुँह के दरवाज़े पर डटे हैं,
मानो चुंगी-चौकी वाले
मुझ से ज़्यादा किस्मत वाले
साले.... मेरे मुँह के छाले
गालियाँ दे नहीं सकता
मुँह के दरवाज़े पर डटे हैं,
मानो चुंगी-चौकी वाले
मुझ से ज़्यादा किस्मत वाले
साले.... मेरे मुँह के छाले
7 comments:
Too good....chhale bhi achchey lag rahe hain ye parne ke baad
Too good .. Chaaley saalon ney pehli baar itna gudgudya hai! Jiyo chaaalon
:):):)
massst hai....
tumhare chalo'n se jyada aaram tumhare pet ko hai ji...
kam khana=pet kam pareshan...:)
( aur haan mere ghar jab aao toh saath inko na lana..:) inki wajah se jo tum aah oohh ahhha karoge ..:) baap re :):) inn sab uuh's n ahh's se meri sabji sharma jayegi..)
Hey....long time.....
How are you???
I've always found your writing very interesting....
this is too good.
Keep in touch !!
Cheers !!
Thanks Parul, Saurabh, SeeMAA & Gauri. All your encouraging words force me to find such trivial things to write on/ about. Keep Reading, commenting, encouraging ;)
chaalo ke saale ka naam sameer hai..enka yeah andaje baya bhi ajeeb hai..
pehle yeah chat kha kar apne par aajmate hai .. aur phir chaalo se jab tarapte hai to shaayarana ho jaate hai...
hum to kahte hai samir "khyali", tumh aise hi apne andaaje baya karte jao, aur hum padh kar kush holiya karte hai.. kabhi challe kabhi dentist to kabhi saali par kuch gum aur kushi ke aaso ro liya karte hai
hilarious one...keep writing
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